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शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 115वीं जयंती गांधी स्मारक भवन, चंडीगढ़ में मनाई गई।

नौजवानों को स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारियों की जीवनी पढ़नी चाहिए ताकि उनमें देशभक्ति के संस्कार पैदा हो सके – वी के कपूर

चंडीगढ़: सितम्बर 28, 2022: ( AVAJ APKI NEWS )

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 115वीं जयन्ती आज सैक्टर-16 स्थित गांधी स्मारक भवन में पूर्ण उल्लास एवं श्रद्धा से मनाई गई। इस अवसर पर हरियाणा के सेवानिवृत एडीशनल डी.जी.पी वी. के कपूर मुख्य अतिथि थे। शहीद-ए-आजम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत मुख्य अतिथि एडीशनल डी.जी.पी श्री वी. के कपूर जी ने कहा कि भगत सिंह को देश प्रेम के संस्कार उनके परिवार से मिले और उन्होंने इसलिए देश की आजादी के लिए हंसते हंसते फांसी के फन्दे को चूम लिया। आज वर्तमान पीढ़ी में देश-प्रेम की भावना जागृत करने हेतु, माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारी देशभक्तों की जीवनियां पढ़ने को दें ताकि बच्चों में देश प्रेम के संस्कार उत्पन्न हो सकें।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए जे.एल गोगना ने कहा कि युवा ही देश का भविष्य है। इसलिए युवाओं को अपनी उर्जा एवं शक्ति का प्रयोग देश-हित व समाज-हित में करना चाहिए जैसा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने किया
समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट, चंडीगढ़ के 68 वर्षीय एडवोकेट एवं भगत सिंह स्कूल आफ लर्निंग, सैक्टर-21, पंचकूला के फाउंडर सेक्रेटरी जनरल अरूण जौहर बिशनोई ने सरदार भगत सिंह के जीवन एवं फिलास्फी पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए युवाओं का आहवान किया कि उन्हें भगत सिंह की जेल डायरी अवश्य पढ़नी चाहिए। श्री जौहर ने अपनी एक ओजस्वी कविता ’ऐ नौजवानों , प्रण यही अब करना होगा’ से जनसमूह में जोश भर दिया।

गांधी स्मारक भवन चंडीगढ़ के कार्यक्रम संयोजक देवराज त्यागी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भगत सिंह एवं महात्मा गाँधी की मंज़िल एक थी -स्वतंत्र भारत। उन दोनों के मंज़िल तक पहुंचने के रस्ते अलग थे। दोनों ही महान देश भक्त एवं स्वंत्रता सेनानी थे , दोनों ही देश क लिए शहीद हो गए। हमे उन दोनों की तुलना न करके उनके लक्ष्यों को देखना चाहिए । उन्होंने महात्मा गाँधी द्वारा लिखा वायसराय का पत्र भी २३-३-१९३१ को पढ़ कर सुनाया जिसमे उन्होंने भगत सिंह को फांसी न देने का आग्रह किया था ।

चंडीगढ़ आर्ट थिएटर की ओर से भगत सिंह के जीवन पर एक बहुत ही सुन्दर लघु नाटिका प्रस्तुत की । इस नाटिका को देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। नाटिका के निर्देशक रंजीत रॉय थे । इसके अतिरिक्त सपना सोवत एवं विनोद बंसल की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं देश भक्ति के कार्यक्रम प्रस्तुत किये ।

कार्यक्रम में डॉ. एम.पी डोगरा , कवि आर. के भगत, विजय कुमार, राजेंदर गोयल, नरेंदर , पापिया चक्रवर्ती ने अपनी कविताओं से श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही, योगेश बहल, , अश्वनि कुमार शर्मा, ईश्वर अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल , शोभा शर्मा, मोहिंदर कौर, कमलजीत सिंह पंछी, वीना चैहान, रमेश कुमार, रमन शर्मा , भुपिंदर शर्मा, देवीदास भरद्वाज ने विशेष रूप से भाग लिया।

इस अवसर पर जे.एल गोगना , एडवोकेट जसपाल सिंह बदवार , डी पी नंदा , अवतार सिंह सोढ़ी , रोहिन , काजल, प्रियंका शर्मा , विदुल चौहान , मनदीप, नताशा ,कंचन त्यागी, जसपाल सिंह, आनंद राव , गुरप्रीत, अमित , विक्की महेन्दर सिंह, गोविन्द शर्मा आदि उपस्थित थे.