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स्वर सप्तक सोसायटी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल संगीत कार्यक्रम आयोजित

September 6 , 2024 : ( AVAJ APKI NEWS )

चण्डीगढ़ : स्वर सप्तक सोसायटी, चण्डीगढ़ व कलकत्ता द्वारा सोसायटी की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी  डॉ संगीता चौधरी (लाहा) के नेतृत्व में शिक्षक दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें डॉ संगीता चौधरी के संगीत विद्यार्थियों ने गुरु की वंदना के उपरांत शास्त्रीय गायन, भजन, सदाबहार गीत प्रस्तुत कर सभी उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों द्वारा अपनी संगीत शिक्षिका को शिक्षक दिवस पर सम्मान से विभूषित करना था। वर्चुअल संगीत कार्यक्रम में डॉ संगीता चौधरी के देश-विदेश में रह रहे सीनियर और जूनियर विद्यार्थियों ने भाग लिया।

वर्चुअल संगीत कार्यक्रम में संगीत के विद्यार्थियों ने शास्त्रीय गायन, व सदाबहार गीत बखूबी प्रस्तुत किए। रिहाना कौशल ने राग काफी में निबद्ध रचना ’हरि हरि जप ले’ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर कर खूब प्रशंसा बटोरी। अंजली सूरी ने भजन तुम आशा विश्वास हमारे  बखूबी प्रस्तुत किया।  मनीषा घोष ने गुरु माता पिता,गुरु बंधु सखा भजन की सुन्दर प्रस्तुति दी। तृप्ति गुप्ता ने रजनीगंधा फूल गीत सुनाया, सुनीता कौशल ने राजस्थानी भजन थाने कैं कैं वो सुनावा;  उज्जविनि सेन ने मैंने कहा फूलों से; आलियाना कौशल ने आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएं; आहना रॉय ने मोहे लागी लगन गुरु; राज कुमार बातिश ने ये क्या हुआ कैसे हुआ; मोना शर्मा ने ज़िंदगी प्यार का गीत है; ममता गोयल ने नींद चुराए चैन चुराए प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर डॉ संगीता चौधरी (लाहा) ने अपने सभी विद्यार्थियों की गायन प्रस्तुति की  प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अध्यापक और विद्यार्थी का रिश्ता सबसे अच्छा होता है। एक विद्यार्थी का कर्तव्य है कि वे अपने अध्यापकों का सम्मान करें, जबकि अध्यापक का कर्तव्य है कि वह अपने द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को विद्यार्थियों को सही मायने में समझाने का प्रयास करें।  उन्होंने बताया कि स्वर सप्तक सोसाइटी की स्थापना 1987 में उनके पिता स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी द्वारा की गई थी। कार्यक्रम का संचालन अंजलि सूरी ने किया।