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हरियाणा का बिजली संकट

हरियाणा का बिजली संकट

मई 1, 2022.(अनुराधा कपूर)

हरियाणा में बिजली संकट ने आम लोगों का बुरा हाल कर दिया है तो उद्योग भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बिजली कटौती के कारण राज्‍य के उद्योग जगत का बुरा हाल है।
फैक्‍टरियों में नाइट शिफ्ट का ‘स्विच आफ’ हो गया है और तीन शिफ्टों में चलने वाली फैक्टरियां सिर्फ दो शिफ्ट में उत्पादन कर रही हैं।

पानीपत की हैंडलूम, यमुनानगर की प्लाईवुड, रोहतक की नट-बोल्ट, बहादुरगढ़ की जूता और रबड़ फैक्टरियाें सहित सहि सभी में काम प्रभावित हुआ है। नाइट शिफ्ट में काम लगभग बंद हो चुका है। घोषित के अलावा अघोषित बिजली कटौती के कारण भी उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। 40 से 70 प्रतिशत तक उत्पादन गिर गया है और हजारों लोगों का रोजगार छिन गया है। समय पर आर्डर सप्लाई न होने से उद्यमियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

पानीपत : 15 लाख मीटर कपड़े का उत्पादन ठप, 30 हजार का रोजगार छिना

यमुनानगर : 80 प्रतिशत फैक्टि्रयों में नाइट शिफ्ट बंद

सोनीपत : कंपनियों में 40 प्रतिशत उत्पादन

रोहतक : 80 प्रतिशत नट-बोल्ट कारोबारियों ने रात में काम किया बंद

फरीदाबाद : 25 हजार फैक्टरियों को रोज हो रहा करोड़ों का घाटा

अंबाला : मिक्सी उद्योग से जुड़े पांच हजार लोगों का काम ठप

बहादुरगढ़ : आठ हजार उद्योगों में 70 प्रतिशत उत्पादन गिरा, जूता उद्योग को राेज 150 करोड़ का नुकसान

हिसार : स्टील उद्योगों में उत्पादन घटकर 40 प्रतिशत पर आया

गुरुग्राम : आटोमोबाइल व गारमेंट हब में 25 प्रतिशत तक उत्पादन प्रभावित

गुरुगाम में लगभग 22 दिन से औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली का संकट जारी है। 20 से 25 प्रतिशत औद्योगिक उत्पादन प्रभावित है। पूरी रात बिजली न रहने से रात की शिफ्ट में काम करना असंभव सा हो गया है। दिन में अनगिनत अघोषित पावर कट का सिलसिला चल रहा है।

देश के सबसे बड़े आटोमोबाइल हब गुरुग्राम और गारमेंट व टेक्सटाइल हब उद्योग विहार में बिजली के साथ-साथ पानी को लेकर भी स्थिति बेहद खराब हो गई है। गुरुग्राम के आइएमटी मानेसर, उद्योग विहार, सेक्टर-37, आइडीसी, बिनौला, दौलताबाद, बहरामपुर, कादीपुर और बेगमपुर खटोला जैसे औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों का कहना है कि जनरेटर से उत्पादन करना मंहगा साबित हो रहा है।

 

2 thoughts on “हरियाणा का बिजली संकट

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