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शिक्षक दिवस पर चंडीगढ़ के स्कूल्स में काम करने वाले रेगुलर, कांट्रैक्ट व गैस्ट ,टीचर्स मनाएंगे “काला दिवस”.

20 वर्षों से नहीं कोई नियमितिकरण पालिसी और शिक्षा विभाग में डेपुटेशन हो बंद

September 1, 2023 : ( AVAJ APKI NEWS )
चंडीगढ़ :- चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग (स्कूल्स) मे कार्यरत सैकड़ों गेस्ट/कांट्रैक्ट शिक्षक जो की स्वीकृत पदों पर नियमित शिक्षको की भांति सभी नियमों के तहत भर्ती किए गए है। यह शिक्षक 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस के अवसर को “काला दिवस” के रूप में मनाएंगे, शिक्षकों का आरोप है की पिछले 13 से 23 सालों से ये शिक्षक चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे है, लेकिन आज तक चंडीगढ़ प्रशासन ने इनकी नौकरी की सुरक्षा के लिए ना तो कोई सुरक्षित नीति बनाई है और ना ही इन्हे नियमित किया गया है और अब शिक्षा विभाग आने वाले कुछ दिनों में नियमित शिक्षकों की भर्तियां करने जा रहा है, जिससे शिक्षा विभाग में कार्यरत 500 गेस्ट/कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों को नौकरी जाने का भय सता रहा है।
बता दे कि यह शिक्षक पिछले 15 से 25 सालों शिक्षा विभाग में अपनी सेवा दे रहें हैं, यह शिक्षक नियमित शिक्षकों की भांति ही पूर्ण प्रक्रिया के तहत भर्ती किए गए है। अब शिक्षा विभाग नई भर्तियों के नाम पर पुराने शिक्षकों  को निकालकर उनकी  जगह पर ही न‌ई भर्तियां करने जा रहा है।  जिसकी वजह से इन शिक्षकों के द्वारा  शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।
इनका मानना है यहां सरकारें और प्रशासन शिक्षको को बेरोजगार कर सड़कों पर बिठाने की सोच रखती हों वहां शिक्षक दिवस मना कर सिर्फ औपचारिकता करने का कोई फायदा नही। हालांकि मौजूदा सांसद किरण खेर  ने दो बार अपने चुनावी एजेंडे में कांट्रैक्ट इम्प्लाइज को पक्का करने का वादा भी किया था। परन्तु चंडीगढ़ प्रशासन ने इस पर कोई सकारात्मक कदम अभी तक नहीं उठाया है । दूसरी ओर म्युनिसिपल कारपोरेशन चंडीगढ़ में भी उमा देवी के सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देश के आधार पर हाउस में कांट्रैक्ट इम्प्लाइज को पक्का करने का एजेंडा भी पास करने के बावजूद चंडीगढ़ की अफसर शाही ने मंजूरी नहीं दी है और परसोनल विभाग ने भी पंजाब की नियमतिकरण पालिसी चंडीगढ़ में लागू करने का लिखित में आश्वासन दिया था। परन्तु चंडीगढ़ में केंद्र रूल लागू होने से वह भी ठंडे बस्ते में पड़ता दिखाई दे रहा है ।
दूसरी तरफ बात करे तो चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में भारी मात्रा शिक्षक और प्रिंसिपल डेपुटेशन पर बुलाए गए है जो दसको से यही पर जमे हुए है ना तो इनको एक्सटेंशन दी गई ना वापस इनके मूल कैडर में भेजा गया जबकि चंडीगढ़ के हजारों शिक्षक प्रमोशन का इंतजार कर रिटायर हो रहे है ,इसलिए इस दिन को चंडीगढ़ के सभी शिक्षकों ने काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है ।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ भारत के महासचिव  व गेस्ट टीचर्स/कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान शिवमूरत ने बताया कि शिक्षा विभाग में पहले भी कई बार शिक्षकों की भर्तियां की गई, पर हर बार नई पोस्ट को स्वीकृत करवा कर सिर्फ उन्ही पोस्टों पर ही भर्तियां की गई। विभाग पहली बार ऐसा करने जा रहा है इतने परिवारों को उजाड़ने से पहले विभाग और प्रशासन को पुनः विचार करना चाहिए। ऐसा ना करने पर जल्द गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के विभिन्न यूनियन के साथ मिलकर बड़ा प्रर्दशन करने को मजबूर होगी।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स के महासचिव रणवीर सिंह राणा ने विभाग में डेपुटेशन सिस्टम को बढ़ावा देने पर कड़ा ऐतराज जताया है अब जब केंद्र रूल लग गए है तो शिक्षा विभाग को तुरंत डेपुटेशन सिस्टम खत्म कर चंडीगढ़ के शिक्षको को उन पदो पर परमोट किया जाए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में ही इतनी मात्रा में डेपुटेशन टीचर हैं,  ये बहुत बड़ा स्कैम है। इसकी सी बी आई और विजिलेंस जांच होनी चाहिए। इसके बारे में भारत के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को भी पत्र लिखा गया है
ऑल कॉन्टैक्चुअल कर्मचारी संघ के चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने कहा चंडीगढ़ के लगभग बीस हजार कांट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग कर्मचारी इन शिक्षकों के साथ है। जरूरत पड़ी तो सारा शहर सड़कों पर आने को मजबूर हो जाएगा,  अगर एक भी शिक्षक‌ को  बाहर किया गया । उन्होंने आगे कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को चाहिए कि उमा देवी के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर पड़ोसी राज्यों की तरह कच्चे कर्मचारियों के लिए नीति बना कर उन्हें जल्द पक्का किया जाए, ना कि न‌ई भर्तियों की आड में उन्हें निकालने को सोचा जाए।
इन शिक्षकों की मांग है की आने वाले कुछ समय में शिक्षा विभाग द्वारा की जाने वाली शिक्षकों की नई भर्तियों से पहले उन्हें जिन पोस्ट पर वो पिछले 15 से 25 सालों से काम कर रहे है उनपर उन्हें नियमित किया जाए या उनकी नौकरी को सुरक्षित किया जाए तथा उसके बाद खाली पोस्टों को भरा जाए।
 ज्वाइंट एक्शन कमेटी आफ टीचर्स के महासचिव रणबीर  राणा ने कहा कि डेपुटेशन पर आए शिक्षकों को वापस उनके मूल कैडर में भेजा जाए ।
मांगों में अन्य राज्यों से डेपुटेशन पर आए  ओवर स्टे शिक्षक/प्रिंसिपल को पैतृक राज्यों में वापस भेजने यूटी कैडर के शिक्षकों/व्याख्याताओं पदोन्नत करने , कांट्रैक्ट व अतिथि शिक्षक जिनकी सेवा 10 वर्ष से अधिक है, उनकी नौकरी की सुरक्षा के संबंध में पालिसी  बनाने,सभी वर्गों के शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन या शीतकालीन अवकाश के दौरान कार्यमुक्त न करने,एस एस ए टीचर्स की नौकरी की सुरक्षा,छठे वेतन आयोग और डीए को तुरंत एसएसए, अनुबंध और अतिथि शिक्षकों पर  लागू करने,और सीआरसी यूआरसी का  रुके हुए  वेतन को प्राथमिकता के आधार पर जारी करने और सीआरसी सीयूबीसी और आरटी के समय को शिक्षकों के साथ रखने ,एसटीसी का वेतन 21000/- (न्यूनतम) दिल्ली पैटर्न पर बढ़ाने जैसे राज्य के बजट से बाहर कुक कम हेल्पर्स को राज्य का हिस्सा जोड़कर वेतन देने संबंधी, 2015 के शिक्षकों को सभी वित्तीय लाभ जारी करने ,केंद्रीय सेवा नियमावली के आधार पर उप-प्राचार्यों के पदों के सृजन करने  को प्राथमिकता देने इत्यादि क‌ई मुद्दों पर रोष प्रदर्शन किया जाएगा ।
इन शिक्षकों की मांगो के समर्थन करने के लिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स  चंडीगढ़,ऑल कॉन्टैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत ,चंडीगढ़ व संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने भी इनके समर्थन में चंडीगढ़ प्रशासन को  जल्द इन मुद्दों को सुलझाने के लिए मीटिंग की मांग की है ।