धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा भुगत रहीं हैं वनीत कौर : जेल जाने से लेकर पति से अलगाव भी सहन किया
पास्टर अंकुर नरूला द्वारा वनीत कौर के खिलाफ पुलिस में की गईं शिकायतें आखिरकार झूठी साबित हुईं
सिख जत्थेबंदियों ने पंजाब सरकार से पास्टर अंकुर नरूला मिनिस्ट्री के क्रियाकलापों की गहन जांच की मांग उठाई
June 13, 2024 : ( AVAJ APKI NEWS )
चंडीगढ़ : पंजाब में हिंदुओं व सिखों का ब्रेनवाश करके धर्मांतरण कराए जाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है परंतु राज्य सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सब आंखे मूंदे बैठे हैं। इसके अलावा जो इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उन्हें पुलिस द्वारा प्रताड़ित करवाया जाता है। ये कहना है जालंधर निवासी वनीत कौर का। आज यहां चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने खुलासा किया कि कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने पास्टर अंकुर निरूला के कुछ वीडिओ देखे जिनमें वह हिंदू और सिख धर्मों के खिलाफ बोल रहा है तथा जनता को ईसाई धर्म की खूबियां गिनाते हुए इसे अपनाने की सलाह दे रहा है। उन्हें ये बहुत ही नागवार गुजरा तथा उन्होंने उसके खिलाफ अभियान छेड़ दिया।
इससे परेशान होकर पास्टर अंकुर निरूला ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए वनीत कौर के खिलाफ पर्चा दर्ज करवा दिया। इस कारण वनीत कौर को 42 दिन जेल में काटने पड़े। बाहर आकर उन्होंने फिर से पास्टर अंकुर निरूला के खिलाफ अपना अभियान और भी जोर शोर से शुरू कर दिया तो पास्टर अंकुर निरूला ने फिर से उनके खिलाफ पुलिस को झूठी शिकायत से दी कि वनीत कौर तेज़ाब की बोतलें लेकर उनके कार्यालय में जबरन घुस गईं व हमला कर दिया। पुलिस ने शिकायत ले ली तो वनीत कौर ने आरटीआई डाल कर इस शिकायत का स्टेट्स मांग लिया, जिसमें पुलिस विभाग से जवाब मिला कि ये शिकायत झूठी है। उधर उनके पति ने भी उन पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि वे इस अभियान को बंद कर दें। ऐसा न करने पर उनके पति ने भी उनका साथ छोड़ दिया।
अब वनीत कौर ने पंजाब सरकार को पत्र लिख कर मांग की है कि इस पूरे मामले की एसआईटी गठित करके जांच कराए और पास्टर अंकुर निरूला द्वारा कराए जा रहे धर्मांतरण को रोके व उस पर मामला दर्ज करवाया जाए। उनके समर्थन में आज कई सिख जत्थेबंदियों भी मौजूद रहीं जिनमें निहंग सिंह जत्थेदार गुरप्रीत सिंह कैलिफ़ोर्निया, मिशन शहीद बाबा बाघ सिंह अहलूवालिया के गद्दीनशीन इकबाल सिंह अहलूवालिया एवं बाबा प्रगट सिंह जी दी फौज, तरना दल, लुधियाना के राजा राज आदि के प्रतिनिधि शामिल रहे।
इन सभी से अंकुर नरूला मिनिस्ट्री के संचालक अंकुर नरूला, प्रेजिडेंट जितेंदर कुमार उर्फ़ गौरव मसीह, विक्लव गोल्ड, लुकस मसीह, राजदीप कौर, प्रवेश कुमारी व सोनिया आदि के क्रियाकलापों की गहन जांच की मांग उठाई।