भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के अग्रणी समीर गुगलानी को चितकारा यूनिवर्सिटी ने डी.लिट से सम्मानित किया
चंडीगढ़ 3 जुलाई 2022: (आवाज़ आपकी न्यूज )
चितकारा यूनिवर्सिटी ने सुपरमॉर्फियस के संस्थापक समीर गुगलानी व्यापार, स्टार्टअप समुदाय और मानवता में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की उपाधि से सम्मानित किया। सुपरमॉर्फियस 700 से ज्यादा सदस्यों का एक कम्युनिटी ड्रिवन सीड इनवेस्टमेंट प्लेटफार्म हैं जिसमें 65 से ज्यादा इन्वेस्टमेंट के पोर्टफोलियो हैं।
समीर गुगलानी यूनिवर्सिटी के 17वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई । इस दीक्षांत समारोह में चितकारा बिजनेस स्कूल के स्नातक बैच के 400 से अधिक छात्रों को डिग्रियां दी गई जिसमें फाइनेंस व बेकिंग, इनवेस्टमेंट बैंकिंग, मार्केटिंग एचआर बिजनेस एनालिटिक हैल्थकेयर मैनेजमेंट के छात्र शामिल थे।
समीर गुगलानी भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में अग्रणियों में से एक हैं, जिन्होंने दो दशकों से भी कम समय में स्टार्टअप्स को बदल दिया है उन्होंने स्टार्टअप कम्युनिटी के लिए दुनिया भर में सहयोगी और सहायक सामुदायिक वातावरण का निर्माण किया ताकि वे आगे तरक्की कर सकें। उन्होंने यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. अशोक के चितकारा और प्रो चांसलर, डॉ. मधु चितकारा,से डिग्री प्राप्त की। अपने प्रेरक संबोधन में 2022 की स्नातक कक्षा को संबोधित करते हुए, गुगलानी ने युवाओं के साथ अपनी यात्रा और अनुभव साझा किए उन्होंने, उन्हें खुद पर विश्वास करने और अपनी आकांक्षाओं का समर्पण और जुनून के साथ बेझिझक पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अपने सम्मान को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, “मॉर्फियस और सुपरमॉर्फियस कम्युनिटी की तरफ से मैं इस सम्मान को स्वीकार करता हूं”। चितकारा यूनिवर्सिटी स्टार्टअप्स व इनोवेशंस के अपने प्यार के लिए जानी जाती है यह उनकी ओर से एक और अद्भुत इशारा है।”
समीर गुगलानी को तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बधाई देते हुए चितकारा यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा, ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने गुगलानी के उनके विजन. इऩोवेशंस के प्रति उनके जुनून व परिवर्तन लाने के लिए उनकी ड्राइव और व्यवसाय, स्टार्टअप समुदाय में अनुकरणीय योगदान को स्वीकृत किया है। डॉ चितकारा ने कहा, “एक लीडर के रूप में, समीर गुगलानी ने न केवल स्टार्टअप में योगदान दिया है बल्कि वह कई लोगों के लिए एक आदर्श भी बन गए हैं। छात्र आज ऐसे लीडर्स को देखते हैं और उनके जैसा बनने की ख्वाहिश रखते हैं।”