स्कूल के स्टूडेंट्स ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक को इस्तेमाल न करने का लिया प्रण
बंटी ने मिड डे मील की भी चेकिंग स्कूल में की
चंडीगढ़: जुलाई 19, 2022 : (AVAJ APKI NEWS )
चंडीगढ़:- सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इंसानी जीवन में क्या दुष्प्रभाव हैं, इसको लेकर राजकीय आदर्श उच्च विद्यालय, सेक्टर 42 बी, चंडीगढ़ में एक जागरूकता मुहिम की शुरुआत की गई। जिसके अंतर्गत भावी युवा पीढ़ी को पर्यावरण को इससे होने दुष्प्रभाव से अवफत करवाया गया। इसको लेकर स्कूल प्रधानाचार्य श्रीमती नवदीप कौर के नेतृत्व और स्थानीय पार्षद जसबीर सिंह बंटी की अध्यक्षता में स्कूल के सभी छात्रों, अध्यापकों तथा अतिथिगणों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन पर शपथ ली गई । विद्यालय के इको क्लब तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने हेतु एक विशेष कार्यक्रम भी इस अवसर पर आयोजित किया गया। इस मौके पार्षद जसबीर सिंह बंटी द्वारा स्कूल परिसर में मिड डे मील की क्वालिटी की भी चेकिंग की गई। साथ ही साथ स्कूल प्रांगण में पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर पर आर सी डब्ल्यु ए के राज कुमार शर्मा सहित पवन सिंगला जी भी उपस्थित थे।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों द्वारा कविता वाचन तथा नृत्य आदि द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। तत्पश्चात स्वरमणि सहायक संस्था से रोहित द्वारा तथा स्थानीय पार्षद द्वारा बच्चों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर बैन लगाने के लिए जागरूक किया गया तथा इसके भयावह परिणामों से परिचित भी करवाया गया।
जसबीर सिंह बंटी ने कहा कि प्लास्टिक हमारी हेल्थ को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरीकों से प्रभावित करता है। प्लास्टिक सदियों तक डीकंपोज नहीं होता है और इससे वॉटर पॉल्यूशन, एयर पॉल्यूशन और सॉइल पॉल्यूशन होता है। इसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का शिकार होना पड़ता है। बड़ी मात्रा में प्लास्टिक समुद्र में पहुंच जाती है और समुद्र के जीव जंतु प्लास्टिक निगल लेते हैं। समुद्र से निकाली गई मछलियों और अन्य सीफूड को खाने से प्लास्टिक केेे टुकड़े इंसानों के पेट तक पहुंच सकते हैं और आंतों में ब्लॉकेज पैदा कर सकते हैं।
कई बार खानेे पीने की चीजों की पैकिंग में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से लोगों की इम्यूनिटी पर बुरा असर पड़ता है। सभी लोगों को प्लास्टिक के कंटेनर्स में खाने पीने के सामान की पैकिंग करने से बचना चाहिए और प्लास्टिक की बोतल के बजाय पानी के लिए बांस या कांच की बोतल का इस्तेमाल करना चाहिए।